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किंग सेना के उद्देश्य
- संगठन के धार्मिक मुद्दे बहुतेरे हैं। मातृभूमि धर्म संघ के हरावल दस्ते किंग सेना का मूल उद्देश्य हिन्दुत्व संस्कृति का प्रचार प्रसार और अखंड राष्ट्र की भावना से ओतप्रोत है।
- संगठन के सभी सदस्यों का उद्देश्य हिन्दू धर्म की सेवा और सनातन संस्कृति को प्रत्येक जनमानस तक पहुंचाना है।
- गो हत्या रोकना, उनकी सुरक्षा करना और उसके लिए अभियान चलाना।
- धर्म प्रचार के लिए रामचरितमानस, सुंदरकांड के पाठ और भागवत कथा का आयोजन करवाना।
- समाज में धर्मांतरण की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए जन जागरण और अभियान चलाना।
- देश के महापुरुषों की जयंती और पुण्यतिथि पर आयोजन कर उनके संदेश आम जन तक पहुंचाना।
- हमें गर्व है कि हम हिन्दू हैं, हमारा मूल ध्येय है, इसी भावना को चरितार्थ करते हुए मानवता के माध्यम से अखंड राष्ट्र का निर्माण करना।
- स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस आदि राष्ट्रीय त्योहार धूमधाम से मना कर लोगों में देशप्रेम की भावना विकसित करना।
- संगठन के सेवा के आयोजन के तहत किसी पर्व विशेष पर रक्तदान शिविर का आयोजन करना।
- सरकारी अस्पताल में जरूरतमंद लोगों को फल व दवा का वितरण करना।
- ‘जल ही जीवन है’ मंत्र को अंगीकार करते हुए पानी बचाओ, पौधरोपण आदि अभियान चलाना।
- गरीब और अनाथ बच्चों के लिए स्टेशनरी वितरण और आर्थिक सहायता।
- बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान मे मदद करना और इस दिशा में समाज को जाग्रत करना।
- अनाथ आश्रम और वृद्धाश्रम में मदद करना।
- सर्व समाज के सामूहिक विवाह आयोजन को बढ़ावा देना और मदद करना।
- दलित समाज के अधिकारों की रक्षा करना और समाज में उनको आगे बढ़ाना।
- शिक्षण में व्यापारीकरण की स्थिति में बदलाव लाना। माननीय उच्च न्यायालय के फीस के संबंध में पारित निर्णय को स्कूल पर दबाव बनाकर लागू करवाना।
- शिक्षित और बेरोजगार युवाओं के लिए तामील वर्गों का आयोजन करवाना।
- गरीब, पिछड़े व सामान्य लोगों को मुफ़्त कानूनी सहायता उपलब्ध करवाना, जिससे वे अन्याय के खिलाफ जाग्रत बन सके।
- शहरों के प्रत्येक वार्ड और गांवों में संगठन की शाखाएं खोलकर सेवा के कार्य करना।
- संगठन के सामाजिक मुद्दों और जनता की मूलभूत सुविधाओं बिजली, पानी और स्वछता आदि समस्याओं के निवारण के लिए प्रक्षाशन पर दबाव बनाना और जरूरत पड़ने पर आंदोलन करना।
- नागरिकों को उनके अधिकार और कर्तव्य के लिए जागरूक करना।
- गांवों और शहरों में सफाई के लिए नागरिकों को जाग्रत करना, सक्षम अधिकारों के लिए उनका ध्यान खींचना और निवारण के लिए सचेत करना।
- आम आदमी की आवाज शासन और प्रशासन तक पहुंचाना। समाज के शोषित तबके, महिलाओं, वृद्धों की रक्षा के लिए तत्पर रहना।
- सरकारी अधिकारियों की लापरवाही और सोये हुए तंत्र के खिलाफ अभियान चलाना।
- गरीब किसानों को स्वावलंबी बनाने के लिए प्रयास करना। ‘ जनसेवा ही प्रभु सेवा’ की भावना से कार्य करना।